एक्यूपंचर की मदद से छूट सकती है शराब
शराब एक ऐसी लत है जिसे छुड़ाने के लिए सिर्फ चिकित्सकीय इलाज काफी नहीं है। परिवार और समाज का सहयोग, सही परामर्श, चिकित्सकीय उपचार के साथ-साथ नशे की लत से मुक्ति पाने के लिए आज कानों पर एक्यूपंचर थेरेपी का प्रयोग भी बहुत मददगार साबित हो रहा है। वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में यह आज काफी प्रचलित और भरोसेमंद चिकित्सा पद्धति मानी जा रही है।
अगर आप भी नशामुक्ति के लिए प्रयासरत हैं तो मनोचिकित्सक, एक्यूपंचरिस्ट और सर्टिफाइड एडिक्शनिस्ट और नेशनल एक्यूपंचर डिटॉक्सिफिकेशन एसोसिएशन (नाडा) के संस्थापक व चेयरमैन डॉ. माइकल ओ. स्मिथ से बातचीत के आधार पर जानें इस थेरेपी से नशामुक्ति के बारे में।
कानों में एक्यूपंचर से मिल रही सफलता
हमारे देश समते विश्व के कई हिस्सों में नशे से मुक्ति के लिए एक्यूपंचर थेरेपी को प्रभावी वैकल्पिक चिकित्सा का दर्जा मिल चुका है। शराब, अफीम और कोकीन आदि की लत को छुड़ाने के लिए करीब 2,500 कार्यक्रमों में इसकी मदद ले चुकी है। इस थेरेपी में खासतौर पर कानों के तीन से पांच एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स पर जोर दिया जाता है जिससे रोगी में नशे के प्रति अनिच्छा पैदा की जा सके।
क्या है प्रक्रिया
एक्यूपंचर से इस इलाज में आमतौर पर कान के तीन एक्यूपंचर बिंदुओं का प्रयोग करते हैं- सिंपेथेटिक, शेनमेन और फेफड़े। ये बिंदु शरीर के अन्य बिंदुओं की अपेक्षा 0.1 से 0.2 डिग्री गर्म होते हैं जिन्हें हाथ से या उपकरण से पहचाना जाता है। करीब 45 मिनट तक इसपर 1/8 इंच की गहराई तक एक्यूपंचर की सुई चुभोते हैं जो शुरुआत में हल्का दर्द देती है लेकिन धीरे-धीरे शरीर इसका अभ्यस्थ हो जाता है और दर्द का एहसास नहीं होता।
कब तक कराएं यह ट्रीटमेंट
इस ट्रीटमेंट के दौरान सप्ताह में पांच से छह दिन लगातार यह प्रक्रिया की जाती है। सामान्यः इसे दो घंटे सुबह-शाम के तौर पर करते हैं लेकिन कुछ मामलों में दिन में आठं घंटे तक यह परीक्षण किया जा सकता है। अधिकतर मामलों में एक से तीन माह तक एक्यूपंचर का इस्तेमाल करते हैं जबकि कुछ मामलों में यह 1 साल तक भी चल सकती है। रोगी में सुधार को देखकर इस ट्रीटमेंट का समय निर्धारित किया जाता है।
क्यों चुनें एक्यूपंचर
- इस पद्धति से इलाज आप चिकित्सकीय इलाज के साथ भी करा सकते हैं।
- इस प्रक्रिया में रोगी से बात करने या उसे समझाने की जरूरत नहीं पड़ती और न ही इस बात से प्रभाव पड़ता है कि वह कितना सच बोल रहा है।
- जो लोग अपने नशे की लत को गंभीरता से नहीं लेते या इस विषय पर बात करने में संकोच करते हैं उनके लिए यह बेहतरीन चिकित्सा है।
- इसमें नशामुक्ति के साथ-साथ पर्सेनालिटी डेवलपमेंट पर भी ध्यान दिया जाता है।
- इसका कोई साइड एफेक्ट नहीं है।
- यह एक किफायती प्रक्रिया है।
क्या हैं सीमाएं
इस पद्दति से उपचार तभी अधिक कारगर होता है जब इसके साथ काउंसिलिंग व चिकित्सकीय इलाज भी हो। नशामुक्ति के लिए फिलहाल यह अकेले सक्षम नहीं है। ऐसे में बेहतर परिणामों के लिए चिकित्सकीय परामर्श के साथ इस विकल्प को चुनें।
अगर आप भी नशामुक्ति के लिए प्रयासरत हैं तो मनोचिकित्सक, एक्यूपंचरिस्ट और सर्टिफाइड एडिक्शनिस्ट और नेशनल एक्यूपंचर डिटॉक्सिफिकेशन एसोसिएशन (नाडा) के संस्थापक व चेयरमैन डॉ. माइकल ओ. स्मिथ से बातचीत के आधार पर जानें इस थेरेपी से नशामुक्ति के बारे में।
कानों में एक्यूपंचर से मिल रही सफलता
हमारे देश समते विश्व के कई हिस्सों में नशे से मुक्ति के लिए एक्यूपंचर थेरेपी को प्रभावी वैकल्पिक चिकित्सा का दर्जा मिल चुका है। शराब, अफीम और कोकीन आदि की लत को छुड़ाने के लिए करीब 2,500 कार्यक्रमों में इसकी मदद ले चुकी है। इस थेरेपी में खासतौर पर कानों के तीन से पांच एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स पर जोर दिया जाता है जिससे रोगी में नशे के प्रति अनिच्छा पैदा की जा सके।
क्या है प्रक्रिया
एक्यूपंचर से इस इलाज में आमतौर पर कान के तीन एक्यूपंचर बिंदुओं का प्रयोग करते हैं- सिंपेथेटिक, शेनमेन और फेफड़े। ये बिंदु शरीर के अन्य बिंदुओं की अपेक्षा 0.1 से 0.2 डिग्री गर्म होते हैं जिन्हें हाथ से या उपकरण से पहचाना जाता है। करीब 45 मिनट तक इसपर 1/8 इंच की गहराई तक एक्यूपंचर की सुई चुभोते हैं जो शुरुआत में हल्का दर्द देती है लेकिन धीरे-धीरे शरीर इसका अभ्यस्थ हो जाता है और दर्द का एहसास नहीं होता।
कब तक कराएं यह ट्रीटमेंट
इस ट्रीटमेंट के दौरान सप्ताह में पांच से छह दिन लगातार यह प्रक्रिया की जाती है। सामान्यः इसे दो घंटे सुबह-शाम के तौर पर करते हैं लेकिन कुछ मामलों में दिन में आठं घंटे तक यह परीक्षण किया जा सकता है। अधिकतर मामलों में एक से तीन माह तक एक्यूपंचर का इस्तेमाल करते हैं जबकि कुछ मामलों में यह 1 साल तक भी चल सकती है। रोगी में सुधार को देखकर इस ट्रीटमेंट का समय निर्धारित किया जाता है।
क्यों चुनें एक्यूपंचर
- इस पद्धति से इलाज आप चिकित्सकीय इलाज के साथ भी करा सकते हैं।
- इस प्रक्रिया में रोगी से बात करने या उसे समझाने की जरूरत नहीं पड़ती और न ही इस बात से प्रभाव पड़ता है कि वह कितना सच बोल रहा है।
- जो लोग अपने नशे की लत को गंभीरता से नहीं लेते या इस विषय पर बात करने में संकोच करते हैं उनके लिए यह बेहतरीन चिकित्सा है।
- इसमें नशामुक्ति के साथ-साथ पर्सेनालिटी डेवलपमेंट पर भी ध्यान दिया जाता है।
- इसका कोई साइड एफेक्ट नहीं है।
- यह एक किफायती प्रक्रिया है।
क्या हैं सीमाएं
इस पद्दति से उपचार तभी अधिक कारगर होता है जब इसके साथ काउंसिलिंग व चिकित्सकीय इलाज भी हो। नशामुक्ति के लिए फिलहाल यह अकेले सक्षम नहीं है। ऐसे में बेहतर परिणामों के लिए चिकित्सकीय परामर्श के साथ इस विकल्प को चुनें।
https://www.amarujala.com/lifestyle/healthy-food/alcoholic-addiction-treatment-through-ear-acupuncture
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